लेखनी प्रतियोगिता -04-Jan-2023 सब का घर
चार भाइयों में सबसे छोटी बहन रजनी थी।इसलिए मां-बाप और भाइयों की लाडली बेटी थी। रजनी की शादी दिल्ली में पढ़े लिखे और इज्जतदार खानदान में होती है। रजनी का पति विकास और उसका ससुर सरकारी नौकरी करते थे।
रजनी का चारों भाइयों में सबसे छोटा भाई रजनी मिलने उसकी ससुराल आता है। और गांव से देसी घी बाजरे के लड्डू मक्के का आटा सरसों का साग लाता है। और जो रजनी को सबसे ज्यादा पसंद था, सिंघाड़े भी लाता है।
रजनी की ससुराल से जो भी आता था, वह रजनी की ससुराल में एक दिन से ज्यादा नहीं रुकता था, क्योंकि रजनी सास ससुर और पति के साथ ससुर के सरकारी मकान में रहती थी। सरकारी मकान गांव के मकानों जैसा बड़ा खुला नहीं था, वैसे सरकारी कॉलोनी में पार्क मार्केट गेट पर चौकीदार सारी सुविधाएं थी। लेकिन गांव की खुली हवा खेत खलियान जंगल नदी जोहड़ तलाव पालतू जानवर जंगली जानवर आदि की कमी रजनी के मायके वालों को होती थी। इसलिए रजनी के मायके वाले शहर के सरकारी मकान में ज्यादा ठहरना पसंद नहीं करते थे।
रजनी भी कभी-कभी बंदिश महसूस करती थी, लेकिन माता-पिता जैसे सास-ससुर और पति के प्यार की वजह से रजनी की बंदिश टूट जाती थी।
भाई के जाने के बाद जब रजनी सिंघाड़े खाती है, तो उसे अपने गांव और पुराने घर की बहुत ज्यादा याद आती है। उसे एक किस्सा याद आता है कि जब वह विद्यालय से छुट्टी करके जींद पकड़ कर पिताजी के साथ सिंघाड़े तोड़ने गई थी। तलाब से सिंघाडे तोड़ने वाले किसान रजनी की शरारत से बहुत परेशान हो गए थे। और उसी दिन एक बूढ़े किसान ने उसकी शरारत से दुखी होकर उसके पिताजी से कहा था कि अपनी बेटी को ज्यादा सर पर मत चढ़ाओ दूसरे के घर जाएगी तो बहुत कष्ट उठाएगी।
मैंने अपने पिताजी से पूछा? " मुझे किस के घर जाना है, मैं किसी के घर नहीं जाऊंगी।" और पिताजी ने हंसकर मेरे प्रशन का जवाब नहीं दिया था। इस प्रश्न का जवाब मेरी भाभी ने दिया कि तुम्हारी शादी होगी तो तुम्हें यह घर हमेशा के लिए छोड़ कर अपने पति के घर ससुराल में रहने जाना पड़ेगा। और रजनी ने अपनी भाभी को जवाब दिया था कि मैं नहीं जाऊंगी अपने प्यारे घर को छोड़कर। और उसी समय से उसे अपने घर का आंगन आंगन में तुलसी का पेड़ छोटा सा नींबू का पेड़ दरवाजे खिड़की कमरे घर की छत और ज्यादा प्यारे और बहुत अच्छे लगने लगे थे।
और उसी समय दरवाजे की डोर डोर वेल बजती है। रजनी दरवाजा जैसे ही खोलती है, तो दरवाजे पर रजनी के ससुर जी और पति खड़े थे। दोनों किसी परेशानी में थे। उनकी बातों से रजनी को पता चलता है कि ससुर जी 4 बरस के बाद रिटायर हो जाएंगे। तो हमे सरकारी मकान खाली करना पड़ेगा। इसलिए नया घर बनाने के लिए जमीन देख कर खरीदने गए थे। लेकिन पसंद की जमीन ना मिलने की वजह से और अधिक कीमत होने की वजह से परेशान थे।
रजनी जब गर्भवती होती है तो सास ससुर और पति उसका पहले से ज्यादा ध्यान रखना शुरु कर देते हैं। रजनी का पति विकास रजनी को रात को खाना खाने के बाद कॉलोनी की मार्केट में प्रतिदिन ले जाता था, वहां से जूस आइसक्रीम खिलाने पिलाने के लिए। दोनों पति-पत्नी कॉलोनी के पार्क में प्रतिदिन घूमते भी थे। पार्क में रोज घूमने की वजह से रजनी की आस पड़ोस की महिला और पड़ोस के बच्चों से अच्छी मित्रता हो गई थी।
रजनी के सास ससुर और पति को दुगनी खुशी मिलती है क्योंकि रजनी जुड़वा बेटे और एक बेटी को जन्म देती है। रजनी के सास ससुर और पति बच्चों के नामकरण की बहुत बड़ी दावत करते हैं। इस दावत में रजनी के मायके से लोग आते हैं। रजनी अपनी सारी आस-पड़ोस की सहेलियां और पड़ोस के सारे बच्चों को निमंत्रण देती है।
ससुर जी के रिटायरमेंट से पहले उनका अपना घर बनकर तैयार हो जाता है। और रजनी को पुराना घर छोड़ने के दुख का दोबारा सामना करना पड़ता है। शाम के समय घर का सारा सामान जब ट्रक मे रखा जा रहा था। तो रजनी अपने पति विकास से कहती है कि"मुझे एक बार मार्केट से जूस पिलाओ दो और आइसक्रीम खिला कर ले आओ। मैं एक बार पार्क में भी आपके साथ घूमना चाहती हूं। और आस-पड़ोस के सभी बच्चों और अपनी सहेलियों से मेरा बहुत मन कर रहा है मिलने।"
विकास रजनी की भावना को समझ जाता है और उसकी यह इच्छा पूरी कर देता है। घर का सारा सामान ट्रक में जाने के बाद जब वह अपने पति के साथ अपने पुराने सरकारी घर का ताला लगाती है, उसकी आंखों में यह याद करके आंसू आ जाते हैं कि जिस घर में उसने कितनी खुशियां देखी है। जब पहली बार नई नवेली दुल्हन बनकर इस घर में आई थी, वह कितने खूबसूरत दिन थे। दो जुड़वा बच्चों की मां बनने की खुशी, तीज त्यौहार की खुशी, कितनी खुशियां दी पुराने घर ने। उनको हमेशा के लिए घर छोड़कर जाता देख आस-पड़ोस के लोगों की आंखों में भी आंसू आ जाते हैं।
23 साल बाद जब रजनी का बेटा पढ़ लिख कर सरकारी अफसर बन जाता है और उसकी बेटी टीचर रजनी को इस बात का बहुत दुख था कि बेटे और बेटी की शादी में उसके ससुर जी नहीं थे क्योंकि ससुर जी का निधन हो गया था। बेटे की शादी के 2 वर्ष बाद ही रजनी दादी बन गई थी। दादी बनने के बाद रजनी अपनी सास के साथ चार धाम की यात्रा करने के बाद अपने मायके अकेले जाती है।
और अपने गांव में उसी तालाब पर भतीजी भतीजो गांव के बच्चों के साथ उसी तालाब पर सिंघाड़े तोड़ने जाती है। सिंघाड़े तोड़कर अपने घर लाकर अपने बचपन के पुराने घर के आंगन में बच्चों के साथ बैठकर खाती है। और घर के आंगन दरवाजे खिड़की घर की छत देखने से से बहुत सुकून मिलता है। फिर उसे उस घर की याद आती है, जिसमें दुल्हन बन कर गई और मां बनी। फिर उस घर के लिए जाने के लिए बेचैन हो जाती है, जिस घर में वह सास बनी फिर दादी बनी। जिस घर में उसके पिता समान ससुर की मेहनत की कमाई लगी हुई थी और सबसे बड़ी बात ससुर जी कि उस घर में यादें थी, गांव के पुराने घर को देखकर भी रजनी का मन दुखी हो रहा था की क्योंकि उसके माता-पिता का निधन हो गया था। रजनी ने अपने मन को तसल्ली देती है कि ईश्वर की कृपा से मां जैसी सास मेरे पति और मेरे बच्चों के साथ है।
उसी समय घर के बाहर शोर-शराबे की आवाज आने लगती है। रजनी बाहर जा कर देखती है, तो गांव के एक गरीब परिवार का घर का सामान कुछ लोग फेंक रहे थे। गांव के लोगों से पूछने से रजनी का पता चलता है कि उस घर के मालिक ने कर्ज ले रखा है, मकान के कागज रखकर वह कर्ज दे नहीं पा रहा इसलिए उसके मकान पर देनदार कब्जा करने आया है। अपने कुछ आदमियों के साथ।
उसी समय रजनी देनदार से कहती है "इसके घर के कागज वापस कर दो इसका सारा कर्जा में चुका दूंगी।" देनदार को भी पता था रजनी एक संपन्न परिवार से है इसलिए वह मान जाता है।
फिर रजनी सबके सामने कहती है "मनुष्य का सारा जीवन घर से जुड़ा है। इसलिए दुनिया की यही कोशिश होनी चाहिए सबका अपना घर हो। और मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि जीवन की सबसे महत्वपूर्ण चीज घर सबको दे ईश्वर।"
प्रिशा
04-Feb-2023 09:13 PM
Very nice
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Gunjan Kamal
05-Jan-2023 08:21 PM
बेहतरीन
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आँचल सोनी 'हिया'
05-Jan-2023 04:26 PM
Nice
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